Ganesh Ji Ki Puja Sabse Pahle Kyon Hoti Hai यह बात तो सभी जानते हैं लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर क्यों गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है। इसके पीछे एक कहानी है। जिससे आपको पता चलेगा कि श्री गणेश जी की पूजा सर्वप्रथम क्यों की जाती है और आपको सीख भी मिलेगी।
एक बार की बात है जब समस्त देवताओं में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि आखिर सर्वप्रथम पूजनीय कौन होगा? यह चर्चा कब बहस ने बदलकर किसी को पता नहीं चला।
यह सब श्री नारद मुनि जी देख रहे थे और उन्होंने देवताओं के पास जाकर एक उपाय दिया जो कि सभी देवताओं को पसंद आया। वह उपाय यह था कि सभी शंकर भगवान जी के पास चलें और वही बताएंगे कि किसकी पूजा सबसे पहले की जाएगी।
प्रतियोगिता से होगा समस्या का समाधान
सभी देवता भगवान शंकर जी के पास पहुंचे पूरी बात बताई। इस पर शंकर जी मुस्कुराया और कहां की इस समस्या के समाधान के लिए हम एक प्रतिस्पर्धा का आयोजन करेंगे जो भी विजेता होगा वही सर्वप्रथम पूजनीय होगा।
सभी देवताओं को अपनी शक्ति और बुद्धि पर विश्वास था तो इस प्रतिस्पर्धा के लिए सभी तैयार हो गए। प्रतिस्पर्धा यह थी कि पूरे ब्रह्मांड के 7 चक्कर लगाकर शंकर जी के पास वापस आना था जो भी पहले वापस आता होगा इस प्रतियोगिता का विजेता होता।
अतः इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी देवता तैयार हो गए और प्रतियोगिता शुरू हुई। इस प्रतियोगिता में भगवान Shri Ganesh ji भी थे। जो कि अन्य देवताओं से आयु और अनुभव में काफी कम थे।
सभी देवता अपने वाहन पर बैठकर वायु से तीव्र गति से जमाना हुए। लेकिन गणेश जी ब्रह्मांड की परिक्रमा करने के लिए नहीं गए। उन्होंने अपने माता पिता के आगे हाथ जोड़ा और सात बार परिक्रमा कर के अपने स्थान पर खड़े हो गए।
शंकर जी ने Ganesh ji को विजेता किया घोषित
जब सभी देवता वापस आए तो उन्होंने शंकर जी से पूछा कि प्रभु इस प्रतियोगिता का विजेता कौन है जिस पर शंकर जी ने मुस्कुराते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता के विजेता Shri Ganesh ji है।
तो सभी देवता आश्चर्यचकित हो गए और कहां की गणेश जी ने तो इस प्रतियोगिता में भाग ही नहीं लिया तो फिर विजेता कैसे हुए इस पर शंकर जी ने कहां की सभी देवी देवताओं में और इस पूरे ब्रह्मांड में सबसे ऊंचा स्थान माता-पिता का है।
गणेश जी ने अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा की यानी उन्होंने पूरे ब्रह्मांड की सात बार परिक्रमा कर ली। इसलिए इस प्रतियोगिता के विजेता Shri Ganesh ji है। इस बात से सभी देवता सहमत हुए और गणेश जी सर्वप्रथम पूजनीय बने।
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