हमारे जीवन में माता-पिता और गुरु का महत्व बहुत होता है। लेकिन इन तीनों में से मां का स्थान व महत्व सबसे ज्यादा होता है। इसी महत्व को देखते हुए पूरी दुनिया में 1 दिन मां को समर्पित किया गया है, जिसे मदर्स डे ( Mother’s Day ) कहते हैं।
Mother’s Day की शुरुआत कैसे हुई ?
मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। 19वीं शताब्दी के दौरान जब अमेरिका में गृह युद्ध छिड़ा हुआ था जिसमें बहुत से युवा विपरीत पक्षों से लड़ रहे थे। इस दौरान रोमांटिक ग्रुप में शांति स्थापित करने के लिए महिलाओं का एक ग्रुप बनाया जिन की मीटिंग होती रहती थी। इनमें सबसे ज्यादा माताएं शामिल थी।
1968 में ए नाम मरिया जारविस नाम की एक महिला की मां एन जार्विस ने मदर्स फ्रेंडशिप डे की स्थापना की। गृह युद्ध की वजह से जो परिवार विभाजित हो गए थे उन्हें फिर से जोड़ने के लिए इसकी स्थापना की गई थी।
सम्मान समारोह बदला मदर्स डे में
एन जारविस ने समाज के लिए बहुत से काम किए और अपना पूरा जीवन इसमें लगा दिया। 9 मई 1950 को उनकी मैत हो गई। इसके बाद उनकी बेटी ने अपनी मां के सपने को पूरा करने के लिए काम करना शुरू किया। उन्होंने अपनी मां और उस तरह की अन्य मां के लिए 10 मई 1908 को मेमोरियल सेरेमनी का आयोजन किया।
यह आयोजन जहां पर हुआ वो आज वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन में इंटरनेशनल मदर्स डे श्राइन के रूप में प्रसिद्ध है। यहीं पर मां के लिए सबसे पहले सम्मान समारोह का आयोजन हुआ और इसे दिन से मदर्स डे मनाया जाने लगा। इस दिन के महत्व को धीरे-धीरे अन्य देशों ने समझा और उन्होंने भी इसे बनाना शुरू कर दिया।
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