बचपन में हमे बताया गया था कि चन्द्रमा हमारे मामा है और हम सब भी बच्चों को यही बताते है कि चंदा मामा है।
लेकिन क्या आप जानते है चंदा को मामा क्यों कहा जाता है। दरअसल इसके पीछे दो कारण है।
पौराणिक कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना की तो उसी दौरान पृथ्वी, चन्द्रमा सहित कई गृह नक्छत्रों की रचना की।
पृथ्वी और चंद्र का जन्म एक साथ हुआ इसी वजह से पृथ्वी को हम माता और चंदा को मामा कहते है।
ब्रह्मा जी ने चंद्र को नक्षत्र, वनस्पतियों, ब्राह्मण व तप का स्वामी व जल तत्व का देव बनाया है।
इसके साथ ही चंद्र ही सभी देवता, पितर, यक्ष, मनुष्य, भूत, पशु-पक्षी और वृक्ष आदि के प्राणों का आप्यायन करते हैं।
पृथ्वी पर घटने वाली विभिन्न घटनाओं को चंद्र नियंत्रण करते है। जैसे -
समुद्र में ज्वार भाटा, पृथ्वी की धुरी का झुकाव, मौसम में परिवर्तन, दिन-रात तेज़ी से होना आदि।
यानि एक भाई की तरह चंद्र पृथ्वी की और उसपर रहने वालों की रक्षा करते है।
पृथ्वी को हम माता कहते है, क्योंकि हमें सब कुछ पृथ्वी से ही मिलता है।
और हमें जो भी मिलता है उसकी एक तरह से रक्षा चंद्र देव करते है।
इस वजह से भी चंदा को मामा कहा जाता है।
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